सोलन, 03 दिसंबर ।
हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों के दौरान प्रतिदिन औसतन सात लोगों की मौत हो रही है बढ़ता। ग्राफ प्रदेश में चिंताजनक स्थिति में है
जानकारी के अनुसार 2023 में अब तक 1870 दुर्घटनाओं में 729 की मौत, मानवीय भूल के कारण हो रहे 90 प्रतिशत सडक़ हादसे
प्रदेश में वाहनों के लिए 0001 नंबर विशेष पंजीकरण चिन्ह के लिए ई-आक्शन 04 दिसम्बर से…
हिमाचल प्रदेश में हर दिन सात लोगों की मौत सडक़ हादसों के कारण हो रही है। परिवहन विभाग ने जनवरी माह से लेकर अब तक प्रदेश में हुई सडक़ दुर्घटनाओं का अंाकलन किया है।
विभाग द्वारा किए गए आंकलन के तहत प्रदेश में वर्ष 2023 में अब तक 1870 सडक़ दुर्घटनाओं में 729 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त इन सडक़ दुर्घटनाओं में 4814 लोग घायल हुए है।
विभाग ने इस आंकलन में पाया है कि प्रदेश में हुई सडक़ हादसों में सबसे अधिक दुर्घटनाएं तेज रफ्तार यानी ओवर स्पीड और लापरवाही से हुई है। तेज रफ्तार से वाहन चलाने पर 550 सडक़ दुर्घटनाएं हुई है,
जिसमें तेज रफ्तारी से 223 वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए है तो वहीं लापरवाही से 327 वाहनदुर्घटनाग्रस्त हुए है। परिवहन विभाग ने जनवरी से लेकर अब तक यानी 22 अक्तूबर तक प्रदेश में हुई सडक़ दुर्घटनाओं का अंाकलन किया है।
विभाग द्वारा किए गए आंकलन के तहत प्रदेश में वर्ष 2023 में अब तक 1870 दुर्घटनाओं में 729 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त 4814 घायल हुए है।
विभाग ने इस आंकलन में पाया है कि प्रदेश में हुई सडक़ दुर्घटनाओं में सबसे अधिक दुर्घटनाएं तेज रफ्तारी और लापरवाही से हुई है। तेज रफ्तार व लापरवाही से
वाहन चलाने पर कुल 550 सडक़ दुर्घटनाएं हुई है, जिसमें तेज रफ्तारी से वाहन चलाने पर 223 तो, वहीं लापरवाही से 327 वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए है।
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शिमला से परवाणू तक मुहिम
हिमाचल में बढ़ते सडक़ हादसों की रोकथाम के लिए परिवहन विभाग ने एक नई पहल की है। इस पहल के तहत परिवहन विभाग अब नेशनल हाई-वे पर सडक़ किनारे बनी दुकानों, होटलों, घरों व किराएदारों के घर द्वार पर पहुंच कर उन्हें सडक़ सुरक्षा के नियमों के बारे जागरूक करेगा ।
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