राजगढ, 27 नवम्बर।
उप तहसील पझोता के लेऊ गांव में लगने धार्मिक पांरपरिक व ऐतिहासिक सैकड़ों वर्ष पुराना तीन दिवसीय मेला एकादशी आज संपन हो गया । रूद्र महाराज के नाम पर लगने वाले इस मेले का शुभारंभ क्षेत्र के प्रसिद्ध आराध्य देव रूद्र महाराज की पारंपरिक पूजा व मुख्य मंदिर
किप्स स्कूल सनवारा में गुरु नानक देव जयंती पूरे विद्यालय परिवार ने श्रद्धापूर्वक मनाया
से बाहर आकर दूसरे छोटे मंदिर जिसे स्थानीय भाषा में मौड़ कहते है में प्रवेश के साथ हुआ । यहा रूद्र महाराज केवल साल में एक बार अपने मुख्य मंदिर से दूसरे मंदिर में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए आते है । और यह इसी मेले के दौरान तीन दिनो तक छोटे मंदिर में
विराजमान रहते है । और अपने भक्तों को दर्शन देते है । और भक्त भी अपने आराध्य देव के मंदिर मे माथा टेकते है और साल भर के लिए अपने आराध्य देव का आर्शीवाद ग्रहण करते है । स्थानीय निवासी सुरेश चौहान के अनुसार इस मेले का इतिहास सैकेड़ो साल पुराना है और
जितने दिनो तक देवता छोटे मंदिर मे विराजमान रहते है उतनी ही रातो को यहां जागरे का आयोजन होता है जिसमे मंदिर परिसर में खुले स्थान पर आग का अलाव जलाया जाता है जिसे स्थानीय में घैना का जाता है । पूरी रात यहां लोगो के मंनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम
होते है । इस मेले में इस गांव के सबसे प्राचीन नृत्य सीटूं नृत्य ( मुखौटा नृत्य ) का आयोजन भी होता है । तीन दिनो तक चलने वाले इस मेले में भक्त अपने आराध्य देव को देशी घी व चावल अपर्ण करते है मेले का समापन देवता महाराज के मुख्य मंदिर में प्रवेश के साथ होता है ।। हिमाचल की ताज़ा खबरों के लिए लॉगिन करें www.himachaldiary.com