शिमला, 14 नवम्बर।
प्रदेश में बीते दिनों आई आपदा के दौरान नदियों में खनन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ. इसके बाद क्रशर चलने पर भी रोक लगा दी गई. मगर अब प्रदेश सरकार एक बार फिर राज्य सरकार क्रशर चलने की अनुमति दे सकती है और आने वाले 1 से 2 दिनों में इसका
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फैसला हो सकता है इस बारे में जानकारी देते हुए हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि मामले को लेकर बनाई गई सब कमेटी ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और मुख्यमंत्री एक से दो दिनों में इस पर फैसला भी ले लेंगे.
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आपदा के दौरान नदियों के आसपास भयंकर नुकसान हुआ और कुछ लोगों का मानना था कि आपदा के लिए खनन भी जिम्मेदार है. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने फैसला लेते हुए खनन पर निगरानी रखते हुए क्रशर बंद करने का
फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि इसको लेकर सरकार ने सब कमेटी का गठन भी किया था. जिसने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने कहा कि क्रशर बंद होने से प्रदेश में निर्माण कार्यों को नुकसान पहुंच रहा है.
इसको लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी आग्रह किया था कि सड़कों के निर्माण के लिए रोड की कमी आ रही है ऐसे में क्रशर खोलने की जरूरत है.
- वही हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने का फैसला हिमाचल प्रदेश में लागू करने को लेकर हाटी समुदाय ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. अब इसको लेकर हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि केंद्र सरकार से आई अधिसूचना में विरोधाभास है जिसके चलते प्रदेश सरकार ने केंद्र से इन अधिसूचनाओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से अभी तक स्पष्टीकरण नहीं आया है जैसे ही केंद्र अधिसूचनाओं को लेकर स्पष्टीकरण देगा प्रदेश में ट्रांस गिरी पर इलाके के हाटी समुदाय को ST दर्ज देने के फैसले को प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा.
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