हिमाचल डायरी न्यूज़, शिमला, 04 मार्च।
प्रधानमंत्री ने आज आदिलाबाद, तेलंगाना में एक समारोह में वर्चुअल रूप से एसजेवीएन के चार विद्युत स्टेशनों अर्थात् उत्तराखंड में 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत स्टेशन, उत्तर प्रदेश में 75 मेगावाट का परासन सौर ऊर्जा स्टेशन, 75 मेगावाट का गुरहा सौर
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ऊर्जा स्टेशन और 50 मेगावाट का गुजराई सौर ऊर्जा स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने एसजेवीएन की परियोजनाओं यथा हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना और 15 मेगावाट नंगल फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना और असम
में 70 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला भी रखी। यह सभी जलविद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाएं देश के वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन अर्थव्यवस्था हासिल करने के लक्ष्य में योगदान देंगी।
प्रधानमंत्री ने 56 हजार करोड़ रुपए से अधिक की विद्युत एवं बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल, डॉ. तमिलिसाई सौंदराराजन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री, ए. रेवंत रेड्डी, तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र के केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं विकास मंत्री, जी. किशन रेड्डी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर, तेलंगाना में गीता कपूर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन तथा अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन भी समारोह में उपस्थित रहे। एसजेवीएन कारपोरेट मुख्यालय, शिमला में सलिल शमशेरी, कार्यकारी निदेशक (आईटी एंड एसई),
चंद्र शेखर यादव, कार्यकारी निदेशक (मा.सं.) और वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल रूप से समारोह में जुड़े। गीता कपूर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी का सभी को निर्बाध, विश्वसनीय और किफायती विद्युत आपूर्ति के लिए उनके
दूरदर्शी नेतृत्व के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से 500 गीगावॉट स्थापित क्षमता प्राप्त करने के श्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने के लिए एसजेवीएन की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
कपूर ने एसजेवीएन को इन विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वयन के लिए प्रदान करने हेतु माननीय केंद्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आर.के. सिंह, भारत सरकार और राज्य सरकारों का भी आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास की गई कुल 727 मेगावाट क्षमता की सात परियोजनाओं की निवेश लागत 5515 करोड़ रुपए है। इन परियोजनाओं से प्रतिवर्ष 2255 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादन की संभावना है तथा प्रतिवर्ष 20,10,941 टन कार्बन उत्सर्जन
कम होगा। सजेवीएन एक विद्युत क्षेत्र सीपीएसई है, जिसने ऊर्जा के लगभग सभी क्षेत्रों में अर्थात हाइड्रो, थर्मल, पवन, सौर, पावर ट्रेडिंग तथा पावर ट्रांसमिशन में विविधता लाई है।
एसजेवीएन वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साझा विजन को प्राप्त करने के लिए अग्रसर है।
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