Close Menu
  • होम पेज
  • हिमाचल
  • विशेष
  • भारत
  • क्राइम
  • खेल
  • दुर्घटनाएं
  • राजनैतिक
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram
HimachalDiaryHimachalDiary
Button
  • होम पेज
  • हिमाचल
  • विशेष
  • भारत
  • क्राइम
  • खेल
  • दुर्घटनाएं
  • राजनैतिक
HimachalDiaryHimachalDiary
Home»हिमाचल»जाइका वानिकी परियोजना के तहत किन्नौर जिले में रोपे 105 हेक्टेयर भूमि पर चिलगोजे के पौधे
हिमाचल

जाइका वानिकी परियोजना के तहत किन्नौर जिले में रोपे 105 हेक्टेयर भूमि पर चिलगोजे के पौधे

By Himachal DiaryMarch 2, 20241 Views2 Mins Read
Facebook WhatsApp Twitter Email
Share
Facebook WhatsApp Twitter Email
चिलगोजे के पौधे
किन्नौर में चली जैव विविधता संरक्षण की पाठशाला

हिमाचल डायरी न्यूज़, शिमला, 02 मार्च।

जिला किन्नौर में जैव विविधता संरक्षण के लिए निगुलसरी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जाइका वानिकी परियोजना के जैव विविधता विशेषज्ञ डा. एसके काप्टा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि जिला किन्नौर में जाइका वानिकी परियोजना और

जीडीपी की रिकॉर्ड ग्रोथ बताती है अब तीन बड़ी अर्थव्यवस्था में जल्दी शामिल होगा भारत 

वन विभाग ने 105 हेक्टेयर भूमि पर चिलगोजा के पौधे रोपे गए। यहीं से साबित होता है कि इस जिले में जैव विविधता के संरक्षण के लिए बेहतरीन कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

डा. एसके काप्टा ने कहा किन्नौर के ऐसे क्षेत्र जहां-जहां पर चिलगोजे के पौधे रोपे जाते हैं वहां के लिए जाइका वानिकी परियोजना पौधे वितरित कर रही है। उन्होंने यहां मौजूद स्वयं सहायता समूहों को जैव विविधता के उचित संरक्षण एवं संवर्धन की जानकारी दी।

किन्नौर वन मंडल के वन परिक्षेत्र भावानगर, निचार, कटगांव, मूलिंग व पूह में कुल 22 ग्रामीण वन विकास समितियां बन चुकी हैं। इन समितियों के माध्यम से परियोजना द्वारा पौधरोपण, जैव विविधता प्रबंधन व ग्रामीण ढांचागत सुधार के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

कार्यशाला के दौरान सेवानिवृत डीएफओ सीएम शर्मा ने वन मंडल किन्नौर में जाइका वानिकी परियोजना के माध्यम से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। पीएमयू शिमला से विषय वस्तु विशेषज्ञ रीना शर्मा ने यहां उपस्थित स्वयं सहायता समूहों से संबंधित विभिन्न

योजनाओं के बारे लोगों को जानकारी दी। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को हथकर्घा, खाद्य प्रसंस्करण, केचुआ खाद तैयार करना, सिलाई-कटाई एवं बुनाई,

पिछले कुछ वर्षों में कानूनी परिदृश्य और अधिक समावेशी हो गया है: डॉ. पिंकी आनंद

आचार तैयार कर अपनी आजीविका में और सुधार करने के तरीके बताए। इस अवसर पर विषय वस्तु विशेषज्ञ राधिका, एफटीयू को-ऑर्डिनेटर प्रियंका नेगी समेत सभी चार वन परिक्षेत्र के प्रभारी भी मौजूद रहे। 

हिमाचल की ताज़ा खबरों के लिए लॉगिन करें www.himachaldiary.com

bharat mata ad
himachaldiary himachaldiarynews shimla latest news
Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Email
Previous Articleजीडीपी की रिकॉर्ड ग्रोथ बताती है अब तीन बड़ी अर्थव्यवस्था में जल्दी शामिल होगा भारत 
Next Article CM ने 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1500 रुपये मासिक इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि की घोषणा की

Related Posts

HP Police Bharti : ग्राउंड टेस्ट के लिए जिला चंबा और ऊना का शेड्यूल भी जारी, विस्तार से जानें |

January 28, 2025

मौसम अपडेट हिमाचल: रोहतांग और किन्नौर की चोटियों पर फिर हल्का हिमपात, बारिश और बर्फबारी का जारी हुआ येलो अलर्ट |

January 19, 2025

हिमाचल न्यूज़: विक्रमादित्य सिंह बोले- जयराम ने अपने कार्यकाल में ठेकेदारों का पूरा भुगतान क्यों नहीं किया |

January 19, 2025
Latest News

HP Police Bharti : ग्राउंड टेस्ट के लिए जिला चंबा और ऊना का शेड्यूल भी जारी, विस्तार से जानें |

January 28, 2025

मौसम अपडेट हिमाचल: रोहतांग और किन्नौर की चोटियों पर फिर हल्का हिमपात, बारिश और बर्फबारी का जारी हुआ येलो अलर्ट |

January 19, 2025

हिमाचल न्यूज़: विक्रमादित्य सिंह बोले- जयराम ने अपने कार्यकाल में ठेकेदारों का पूरा भुगतान क्यों नहीं किया |

January 19, 2025

मौसम अपडेट हिमाचल: हिमाचल के कई भागों में आज से सात दिनों तक बारिश-बर्फबारी के आसार, तापमान में गिरावट |

January 18, 2025
Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
© 2025 Himachal Diary.

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.