सोलन, 09 नवम्बर।
भारत के अग्रणी अनुसंधान-केंद्रित विश्वविद्यालय, शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंसेज को क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग द्वारा प्रति पेपर उद्धरण में देश का नंबर एक विश्वविद्यालय और एशिया का नंबर पांचवां विश्वविद्यालय घोषित किया गया है।
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शूलिनी विश्वविद्यालय भी भारत के सबसे उल्लेखनीय रूप से बेहतर संस्थान के रूप में उभरा है, जिसने वैश्विक रैंकिंग में 213 वां स्थान हासिल करने के लिए प्रभावशाली 38 स्थान हासिल किए हैं।
शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों की सराहना करते हुए, प्रोफेसर अतुल खोसला, कुलपति, शूलिनी विश्वविद्यालय ने कहा, “अनुसंधान में हमारे प्रयास शूलिनी विश्वविद्यालय में अनुसंधान और नवाचार की गुणवत्ता के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए फल-फूल रहे हैं।”
कल रात जारी रैंकिंग के अनुसार, शूलिनी विश्वविद्यालय ने भारत में निजी विश्वविद्यालयों के बीच “नियोक्ता प्रतिष्ठा” में छठा स्थान हासिल किया है, जो ऐसे स्नातक तैयार करने में इसकी सफलता को दर्शाता है
जिन्हें नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक सम्मान दिया जाता है। शूलिनी विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय संकाय के मामले में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और भारत में 7वें स्थान पर है।
शूलिनी यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रोफेसर पीके खोसला ने कहा, “प्रति पेपर उद्धरण में हमारी सफलता उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के उत्पादन के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाती है जो वैश्विक ज्ञान पूल में योगदान देती है। हम अनुसंधान उत्कृष्टता और नवाचार में निवेश करना जारी रखेंगे।”
प्रो चांसलर विशाल आनंद ने सभी संकाय और कर्मचारियों को बधाई दी और कहा कि रैंकिंग हमारे संकाय और छात्रों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।
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डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोफेसर सौरभ कुलश्रेष्ठ ने कहा, यह उपलब्धि उत्कृष्टता की दिशा में एक कदम आगे है। हम भविष्य में और भी बड़े मील के पत्थर हासिल करने के लिए एक विश्वविद्यालय समुदाय के रूप में मिलकर काम करना जारी रखेंगे।”
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