शिमला, 21 दिसंबर।
जाइका वानिकी परियोजना अब प्रदेश के सभी वन मंडलों में आउटलैट स्थापित करेगा। वर्तमान में राज्य के नौ स्थानों पर आउटलैट स्क्रीय रूप से संचालित हैं, जहां पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री हो रही है।
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इस बात की जानकारी जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने दी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी वन मंडलों में आउटलैट खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हाल ही में जोगिंद्रनगर और पालमपुर के गोपालपुर में आउटलैट का शुभारंभ किया गया। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत हिमाचल में हो रहे कार्यों को देख अब पड़ोसी देश श्रीलंका भी आजीविका कमाने के गुर सीखेगा।
हाल ही में तीन दिवसीय हिमाचल दौरे पर आई श्रीलंका जाइका और जाइका इंडिया की प्रतिनिधियों ने हिमाचल प्रदेश में जाइका वानिकी के तहत हो रहे कार्यों की जमकर सराहना की। ऐसे में अब जाइका वानिकी हिमाचल के प्रोजेक्ट मॉडल को श्रीलंका भी फॉलो करेगा।
आने वाले समय में श्रीलंका जाइका की टीम हिमाचल में एक्पोजर विजिट पर भी आएगी। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि हाल ही में जाइका
श्रीलंका की प्रतिनिधि एवं जेंडर एक्पर्ट नाकाजीमा और जाइका इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी ने हिमाचल में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा आजीविका कमाने के हौसले की सराहना की।
जाइका वानिकी परियोजना हुई हाईटैक, अब ड्रोन से निगरानी, सभी गतिविधियों पर रहेगी पैनी नजर
जाइका वानिकी परियोजना अब हाईटैक हो चुकी है। परियोजना के तहत होने वाली सभी गतिविधियों पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। पौधरोपण, जंगलों में आग लगने की घटना समेत प्रोजेक्ट के अंतर्गत हो रहे हरेक कार्यों को ड्रोन के माध्यम से कड़ी नजरें रखी जाएंगी।
जाइका वानिकी परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर जीआईएस रजनीश कुमार के नेतृत्व में वीरवार को रोहड़ू वन मंडल के सरस्वतीनगर वन परिक्षेत्र में ड्रोन से सर्वे किया गया।
रजनीश कुमार ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत किए गए कार्यों को ड्रोन में कैद किया जा रहा है। इसके साथ-साथ जंगलों में आग लगने की घटना का भी पता लगा सकते हैं कि आग लगने से वन संपत्तियों के नुकसान का रियल टाइम और आग पर काबू पाने के
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लिए मौके पर पहुंचने के लिए क्या कुछ इंतजमाम होने चाहिए। रजनीश कुमार ने कहा कि सभी ग्राम वन विकास सामितियों के दायरे में हुए कार्यों को ड्रोन के माध्यम से कैद किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के दिशा-निर्देशानुसार आने वाले दिनों में राज्य के अन्य ऐसे क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक से प्रोजेक्ट के कार्यों की स्टीक प्लालिंग की जाएगी।
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