शिमला, 01 दिसंबर।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शुक्रवार को छात्र संगठन एसएफआई ने प्रदर्शन किया. इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
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20 नवंबर को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई छात्रों के बीच हिंसा के मामले में एसएफआई का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक तरफ वीडियो को आधार बनाकर कार्रवाई की है.
लड़ाई के दौरान दूसरे गुट की तरफ से पहले हमला हुआ, लेकिन बावजूद इसके कार्रवाई सिर्फ छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ताओं पर ही की गई है. बीते कई दिनों से एसएफआई इसके विरोध में प्रदर्शन कर रही है.
छात्र संगठन की चेतावनी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई, तो आने वाले वक्त में आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा. छात्र संगठन एसएफआई के राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाए हुए है.
विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में एक तरफा कार्रवाई के विरोध के अलावा एसएफआई की ओर से छात्र संगठन चुनाव बहाली और नई शिक्षा नीति- 2020 के खिलाफ भी प्रदर्शन किया गया. अमित ठाकुर ने कहा कि देशभर में कांग्रेस नई शिक्षा नीति का विरोध कर रही है,
लेकिन हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद नई शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छात्र संगठन एसएफआई की यह मांग है की नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाए.
इसके अलावा छात्र संगठन के नेता और कार्यकर्ता पिछले कुछ वक्त में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों में कथित धांधली की जांच की मांग भी कर रहे हैं. एसएफआई का दावा है कि उन्होंने बीते दिनों हुई भर्ती की आरटीआई ली है.
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इस आईटीआई में करीब 80 फीसदी सिलेक्शन गलत सर्टिफिकेट के आधार पर हुआ है. ऐसे में मांग की जा रही है कि राज्य सरकार इसकी जांच करवाए.
अमित ठाकुर ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो आने वाले वक्त में आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा.
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