शिमला, 22 नवम्बर।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने में सचिवालय कर्मचारियों की महत्त्वपूर्ण
शिमला में आयोजित होगा कृषि अवसंरचना कोष पर आधारित राज्य स्तरीय कान्क्लेव
भूमिका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारी, महिला तथा किसान हितैषी सरकार है। प्रदेश में वर्तमान सरकार के गठन के बाद जनकल्याण के लिए अनेक निर्णय लिए गए। प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों के प्रति मानवीय एवं सामाजिक दृष्टिकोण अपनाते हुए
उनके लिए पुरानी पैंशन योजना को लागू किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस लागू करना संवेदनशील सरकार का संवेदनशील फैसला है तथा यह निर्णय किसी राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों
की राज्य के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। लम्बे समय तक सेवाएं देने के उपरांत यदि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के उपरांत निश्चित आय का साधन न हो तो वे सम्मान से जीवनयापन नहीं कर सकते हैं।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सचिवालय मिनी हिमाचल है जहां सभी ज़िलों की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि सचिवालय में कार्यरत सभी कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य हैं तथा उन्हें हिमाचल की जनता की आशाओं के अनुरूप कार्य करना
होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद वह बालिका आश्रम टूटीकंडी गए तथा अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना आरंभ करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि 11 माह के कार्यकाल में वर्तमान सरकार की यह पहली प्रमुख योजना है।
इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ का दर्जा दिया गया है, जिसमें 27 वर्ष की आयु तक उनकी देख-रेख, उच्च शिक्षा, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा गृह निर्माण आदि के लिए राज्य सरकार सहायता प्रदान कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने कांग्रेस पार्टी के ‘प्रतिज्ञा-पत्र’ में किए गए एक और वायदे को पूरा करते हुए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोज़गार स्टार्ट-अप योजना आरंभ की है, जिसके प्रथम चरण में ई-टैक्सी की खरीद के लिए राज्य
सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है तथा उन्हें निश्चित आय प्रदान करने के लिए ई-टैक्सी को सरकारी विभागों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले एक वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार कई महत्त्वपूर्ण योजनाएं
लागू करने जा रही है, जिसमें सचिवालय कर्मचारी पूर्ण सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी तथा आने वाले दो-तीन माह में महंगाई भत्ते की किश्त पर भी फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही सप्ताह में पांच
कार्यदिवस करने की मांग पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में आई प्रदेश में आपदा के दौरान 16 हज़ार परिवार प्रभावित हुए हैं तथा वर्तमान राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से उनकी हरसंभव सहायता कर रही है। कच्चे व पक्के घर को पूर्णतः
क्षति पहुंचने पर राज्य सरकार ने आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया है। इसके साथ-साथ बिजली व पानी का निःशुल्क कनेक्शन और सीमेंट की बोरी 280 रुपये की दर से उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज नहीं मिला
है तथा अब इस पैकेज की कोई आशा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के कारण हुए नुक्सान के लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये के क्लेम नियमानुसार केन्द्र सरकार को भेजे हैं तथा हिमाचल प्रदेश को उसका जायज हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य
में भाजपा को भी मदद करनी चाहिए। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण हिमाचल प्रदेश पर आज 75 हजार करोड़ रुपये का ऋण है। राज्य सरकार ने इस मामले पर विधानसभा में एक श्वेत पत्र भी जारी किया है तथा प्रत्येक
हिमाचली पर 1.02 लाख रुपये का कर्ज है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्तमान राज्य सरकार कड़े फैसले ले रही है, जिससे आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश समृद्ध बनेगा। उन्होंने कहा कि इन कड़े फैसलों का विरोध भी हो रहा है लेकिन
ये फैसले उनके व्यक्तिगत हित के लिए नहीं है बल्कि राज्य के हित में हैं। उन्होंने कहा कि मुश्किल चुनौतियों का सामना किया जाएगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लाएंगे।
हिमाचल की ताज़ा खबरों के लिए लॉगिन करें www.himachaldiary.com