शिमला, 20 नवम्बर।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंतकाल, तकसीम तथा निशानदेही के लम्बित मामलों का 20 जनवरी 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।
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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी ने आज यहां प्रदेश में लम्बित राजस्व मामलों की समीक्षा की और सभी उपायुक्तों को मिशन मोड पर लम्बित मामलों का निपटारा करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आमजन की सरकार है तथा जन समस्याओं का निपटारा हमारी प्राथमिकता है, इसलिए सरकार लम्बित राजस्व मामलों की संख्या शून्य करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में काफी संख्या में राजस्व मामले लम्बित हैं, जिनका तुरंत निपटारा करना आवश्यक है तथा सभी अधिकारी इस मामले पर गंभीरता से पर कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि नायब तहसीलदार से लेकर मंडलीय आयुक्त लम्बित राजस्व मामलों की दैनिक आधार पर सुनवाई कर उनका समयबद्ध निपटारा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों की वार्षिक एसीआर में भी इस प्रगति को दर्शाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 30 व 31 अक्तूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया, जिसके परिणाम बेहतर रहे तथा इंतकाल के लम्बित 41,907 मामलों में से 31,105 का निपटारा कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि आगामी 1 व 2 दिसंबर को पुनः प्रदेश भर में इस प्रकार की विशेष अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसे राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है।
इस विशेष अदालत में इंतकाल के साथ-साथ तकसीम के लम्बित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी उपायुक्तों को निपटाए गए मामलों की पूरी रिपोर्ट मासिक आधार पर भेजने के निर्देश दिए, जिसमें व्यक्ति का
नाम, पता और फोन नम्बर का पूरा विवरण उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि उपायुक्त अपने-अपने जिलों में राजस्व अधिकारियों के साथ बैठकें कर लंबित राजस्व मामलों का तेजी से निपटारा करने की रणनीति तैयार करें। इसके लिए आवश्यकता अनुसार स्टाफ का
युक्तिकरण करें। उन्होंने कहा कि किसी भी राजस्व मामले में तीन दिन से अधिक की तिथि न दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने राजस्व कानून में संशोधन किया है तथा अब सम्मन की सर्विस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि जिलों में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कानूनगो की सेवाएं लेने की अनुमति भी देगी। उन्होंने मुख्य सचिव को मंडलीय आयुक्तों के स्तर पर लम्बित राजस्व मामलों की निरंतर समीक्षा करने के निर्देश दिए और कहा कि राजस्व मंत्री 20 जनवरी से पहले पूरे प्रदेश में इस मामले की प्रगति की समीक्षा करें।
प्रदेश में 31 अक्टूबर 2023 तक तकसीम के लम्बित मामले:-
- बिलासपुर 1407
- चंबा 680
- हमीरपुर 2413
- कांगड़ा 12,014
- किन्नौर 156
- कुल्लू 1057
- लाहौल-स्पीति 48
- मंडी 3208
- शिमला 1288
- सिरमौर 1072
- सोलन 1156
- ऊना 3973
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