Himachal Diary, Solan, 10 जनवरी
शूलिनी विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन और संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग (एचसीआईसीसी-2025) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में शिक्षा जगत और उद्योग जगत की व्यापक भागीदारी के साथ प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता एक साथ आए।
सम्मेलन में मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन (एचसीआई) और संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग में अत्याधुनिक विकास को संबोधित करने वाले आकर्षक सत्र आयोजित किए गए। नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका से डॉ. संदीप कौर कुट्टल और जायद यूनिवर्सिटी, संयुक्त अरब अमीरात से डॉ. सना कद्दौरा
ने गुणवत्ता विकास में मानव-केंद्रित कारकों के महत्व पर जोर देते हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और बड़े भाषा मॉडल में मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण पी.के. गुप्ता का व्याख्यान था। डेल टेक्नोलॉजीज, संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्लोबल सीटीओ गुप्ता ने 2025 और उससे आगे के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और अवसरों का शीर्षक दिया।
गुप्ता ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि, रक्षा और विनिर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मौजूदा अनुसंधान कमियों के बारे में विस्तार से बताया और ठोस समाधान विकसित करने के लिए मजबूत आईटी उद्योग सहयोग का आह्वान किया।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के प्रोफेसर तपन गांधी और आईआईटी मंडी के प्रोफेसर वरुण दत्त ने संज्ञानात्मक विज्ञान को आगे बढ़ाने में एचसीआई अनुसंधान की भूमिका को रेखांकित किया।
प्रोफेसर गांधी ने ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस पर अपना काम प्रस्तुत किया, जबकि प्रोफेसर दत्त ने मानव-केंद्रित समाधान बनाने के लिए
एचसीआई सिद्धांतों के एकीकरण पर प्रकाश डालते हुए व्यवहारिक साइबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया।एचसीआईसीसी-2025 आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहिंदर सिंह ठाकुर ने शूलिनी विश्वविद्यालय प्रबंधन, एनआईटी हमीरपुर और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) शिमला, आईक्रिएट गुजरात, विज्ञान संग्रहालय, उच्च शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश |