ओम शर्मा। बीबीएन, सोलन, 31 जनवरी ।
औद्योगिक क्षेत्र झाड़माजरी के तहत अलम्बिक चौक के समीप परफ्यूम निर्माता कम्पनी एन आर अरोमा में आग लगने से करोड़ों का नुकसान हो गया। उद्योग में भारी मात्रा में कैमिकल होने के कारण पूरा उद्योग आग को भेंट चढ़ गया।
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आग करीबन 1.40 मिंट पर लगी और सुबह से तेज हवा चलने के कारण देखते ही देखते आग पूरे उद्योग में फैल गई। मौके से कामगारों ने दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल से कूदकर जान बचाई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ कामगार अंदर फंसे थे जो नहीं निकल पाए।
घायल 32 कामगारों को ईएसआई, बद्दी अस्पताल व ब्रुकलिन हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। जिसमें से 5 गम्भीर घायलों को पीजीआई रेफर किया गया है। हादसे के बाद डीसी सोलन, एसपी बद्दी, एसडीएम नालागढ़ समेत पूरे प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया।
दमकल विभाग बद्दी, विरला, वर्धमान उद्योग व आसपास के उद्योगों में लगे फायर टेंडरों की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। 3 घन्टे की कड़ी मशक्कत के बाद भी उद्योग सुलग रहा था।
उद्योग में भारी मात्रा में केमिकल होने के कारण आग पर काबू पाने में खासी जदोजहद करनी पड़ी। केमिकल के चलते उद्योग में एक के बाद एक 50 से अधिक धमाके हुए। पहले 10 गाड़ियां तो पानी की फेंकी गई,
जिसके बाद फॉम केमिकल लाया गया और आग पर काबू पाने के प्रयास किये गए। दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमों ने आग पर काबू पाने को जी जान लगा दी।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो उद्योग में 3 दर्जन से अधिक लोग फंसे थे जो बाहर नहीं निकल पाए। प्रशासन ने अभी तक किसी की मौत की कोई पुष्टि नहीं कि है लेकिन भारी जानी नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है।
डीसी सोलन मनमोहन कुमार ने बताया कि 32 लोगों का उपचार चल रहा है 5 को पीजीआई रेफर किया गया है। हादसे की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं, जांच के बाद ही किसी जानी नुकसान के बारे कहा जा सकता है।
3 घन्टे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, अभी भी उद्योग सुलग रहा है। एसपी बद्दी ईलमा अफरोज ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और बचाब कार्य शुरू किया गया। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
जांच के बाद ही सारी स्थिति स्पष्ट होगी। वहीं यह हादसा कई सवाल भी खड़े कर गया है। क्या जब आग लगी उस समय आग पर काबू पाने के इंतजाम उद्योग में नहीं थे। केमिकल से भरे इस उद्योग को कैसे फायर एनओसी दी गई, आसपास के उद्योगों के लिए यह उद्योग खतरा
बन गया था। दमकल और एनडीआरएफ के प्रयास भी दम तोड़ते नज़र आए। जब तक उद्योग पूरी तरह से जल नहीं गया, आग कंट्रोल हुई ही नहीं।
आसपास के उद्योगों के प्रबंधन की जान गले में अटकी रही। ऐसे कई सवाल हैं जो सम्बंधित विभागों, प्रशासन व उद्योग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
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