जी डी शर्मा। राजगढ, 26 दिसंबर।
75 वां उपमंडल स्तरीय गणतंत्र दिवस राजगढ़ के नेहरू मैदान में धूमधाम से मनाया गया । जिसमें सबसे पहले उन्होंने ध्वजारोहण किया उसके बाद पुलिस ने सी सी व एन एस एस की टुकड़ियों की परेडों की सलामी ली ।
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अपने संबोधन में एस डी एम राजकुमार ठाकुर ने कहा कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। भारत को 1947 में ब्रिटिश राज से आजादी मिली, लेकिन 26 जनवरी, 1950 तक भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था।
संविधान सभा का पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को और आखिरी सत्र 26 नवंबर, 1949 को हुआ और फिर एक साल बाद संविधान को अपनाया गया। डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान की मसौदा समिति का नेतृत्व किया और इस दिन भारत संविधान दिवस भी मनाता है।
गणतंत्र दिवस स्वतंत्र भारत की भावना का स्मरण कराता है क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने औपनिवेशिक शासन से पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी।
गणतंत्र दिवस भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति का भी स्मरण कराता है, उन्होंने कहा कि जहां हमारा संविधान हमें अधिकार देता है वहीं उसमें हमारे लिए कुछ कर्तव्य भी बताये गये है इसलिए जहां एक और हमें अपने अधिकारों के
प्रति जागरूक रहना चाहिये तो दूसरी तरफ हमें अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करना चाहिए इस मौका पर उन्होंने देश व प्रदेश की विकास यात्रा पर भी प्रकाश डाला और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी उपस्थित जन समुह के
समक्ष रखी इस मौका पर ठाकुर ने देश प्रदेश व विशेष कर राजगढ़ क्षेत्र के पझोता क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों व वीर सपूतों को भी याद किया और उन्हे नमन किया इस मौका विभिन्न शिक्षण संस्थानों व अन्य संस्थानों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए जिसमें नाटी
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,देश भक्ति गीत ,पंजाबी गिद्दा,भजन,ग़ज़ल ,माला नृत्य ,प्रात नृत्य आदि पेश किए गए । अकाल अकादमी बडू साहिब के छात्रों द्वारा मार्शल आर्ट गतका पेश किया गया । उसमें बाद शिक्षा खेल व समाज के विभिन्न क्षेत्रों उत्कृष्ट कार्य करने वाले दर्जनों छात्रों व अन्य लोगों को प्रमाण
पत्र स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । इस बार स्थानीय प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम को नया रूप देने का प्रयास किया गया था और यह कार्यक्रम लगभग चार घंटों तक चला जिसका दर्शकों ने भरपूर आनन्द लिया ।
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