शिमला, 08 जनवरी ।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कोर्ट के आदेश से राम जन्मभूमि का ताला खुलने के बाद किसी बड़े कांग्रेसी नेता ने राम लला के दर्शन करने की ज़हमत क्यों नहीं उठाई। पूजा पाठ और दर्शन की अनुमति होने के बाद से कांग्रेस नेताओं की राम लला से दूरी बनाने की
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क्या वजह है। कांग्रेस को इन बातों का जवाब देना चाहिए। आज भगवान राम सबके हैं कहने वाले 37 साल से कहां थे। देश के लोग यह जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का असली चेहरा देश के सामने हैं।
आज विपक्षनीत ‘इंडी गठबंधन का कोई न कोई नेता हताशा में भगवान राम अपमानजनक टिप्पणी कर रहा है लेकिन कांग्रेस समेत सभी नेता ख़ामोश बैठे हैं।
इसी से पता चलता है कि सनातन की परंपरा के ध्वजवाहक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के प्रति कांग्रेस समेत विपक्ष की क्या भावना है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश का बच्चा-बच्चा जानता हैं कि राम मंदिर की राह में कांग्रेस ने किस-किस तरह से रोड़े अटकाने का प्रयास
किया। पूरे गांधी नेहरू परिवार की विरासत ही उत्तर प्रदेश की रही है। नेहरू-गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से ही अपना प्रतिनिधित्व किया है। लेकिन कोर्ट से पूजा पाठ की अनुमति मिलने के बाद न जाने किस डर से किसी ने राम जन्मभूमि जाकर राम लला के दर्शन नहीं किए।
चाहे वह राहुल गांधी हों, या प्रियंका गांधी या ख़ुद सोनिया गांधी। कोई भी भगवान राम की चौखट तक नहीं गया। अमेठी का पिछला चुनाव हारने के पहले राहुल और सोनिया गांधी अयोध्या के आस-पास की लोक सभा क्षेत्रों से ही संसद का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सभी नेता कई बार अयोध्या के आस-पास से गुजरे होंगे। प्रियंका गांधी ने तो अयोध्या रोड शो किया, हनुमान गढ़ी तक आई। वहां से चंद कदमों की दूरी पर राम लला का स्थान था लेकिन दो मिनट का समय भी उनसे नहीं निकाला गया।
37 साल से भगवान राम से इस तरह की दूरी बनाने के बाद अगर आज कांग्रेस के नेताओं को राम मंदिर पर बातें करने से पहले सोचना चाहिए।
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