Close Menu
  • होम पेज
  • हिमाचल
  • विशेष
  • भारत
  • क्राइम
  • खेल
  • दुर्घटनाएं
  • राजनैतिक
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram
HimachalDiaryHimachalDiary
Button
  • होम पेज
  • हिमाचल
  • विशेष
  • भारत
  • क्राइम
  • खेल
  • दुर्घटनाएं
  • राजनैतिक
HimachalDiaryHimachalDiary
Home»हिमाचल»जायका  ने दिखाई  राह,स्वरोजगार  की ओर बढे कठोगण वासियों के कदम,आर्थिकी  हुई मजबूत        
हिमाचल

जायका  ने दिखाई  राह,स्वरोजगार  की ओर बढे कठोगण वासियों के कदम,आर्थिकी  हुई मजबूत        

By Himachal DiaryDecember 31, 20233 Views5 Mins Read
Facebook WhatsApp Twitter Email
Share
Facebook WhatsApp Twitter Email

            

सरकाघाट, 31 दिसंबर।

जापान  अन्तराष्ट्रीय सहयोग एंजेसी (जायका)द्वारा  वित पोषित हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र  प्रबन्धन और आजीविका  सुधार परियोजना के तहत प्रदेश के  7 जिलों- मंडी, कुल्लू,लाहौल स्पीति,किन्नौर,शिमला, कांगड़ा,बिलासपुर  में  460 ग्राम स्तर पर वन विकास

सिरमौर जिला में शास्त्री शिक्षक के पद भरे जाएंगे, 8 से 11 जनवरी तक होगी काउंसलिंग

  समितियां   और 900 से ज्यादा  स्वयं सहायता समूह  बनाए गए हैं  जिसके  अन्तर्गत लोगों की आर्थिकी में  सुधार के  लिए  स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग   24 आय सृजन   गतिविधियां कार्यशील हैं 

जिनमें मुख्यतःमशरूम उत्पादन, हथकरघा, चीड़ की पत्तियों से बने सजावटी सामान सीरा सेपू बड़ी, टौर की पतले बनाना  इत्यादि हैं ।जायका प्रोजैक्ट  रेंज सरकाघाट में  2018 को शुरू हुआ  व  इसमें  बर्ष   2020 से  कार्य शुरू हुआ ।  इसमें मुख्यतः  7 वीएफडीएस बनाए

जिनमें  14 स्वयं सहायता समूह बने हैं।  परियोजना से लाभान्वित ऐसा ही एक  गांव   सरकाघाट  उपमंडल की भदरौता क्षेत्र की ग्राम पंचायत  टिक्कर का है –  कठोगण ।

यहाँ परियोजना के तहत  गठित ग्रामीण वन विकास  समिति के अध्यक्ष पवन   ठाकुर, सार्जेंट    बताते हैं  कि गांव में  जायका   वन विभाग अधिकारियों व पूर्व  डीएफओ वीपी पठानिया की देखरेख में कार्यन्वित हुई   ।

उन्होंने बताया कि  परियोजना के तहत   पौधारोपण के तहत गांव में    20 हैक्टेयर में  काम हो रहा है जिसमें 10 हैक्टेयर  विभागीय मोड  व  10 हैक्टेयर   पार्टीसिपेटरी फॉरैस्ट मैनेजमैंट मोड में किया जा रहा है जिसमें 5000 पौधे  10 हैक्टेयर  में  और 5000 पौधे विभागीय मोड

में प्रत्यारोपित किए गए हैं वहीं जीविकोपार्जन  कार्यक्रम में   दो स्वयं सहायता समूह  गांव में गठित किए गए हैं-  नैणा माता सिलाई कढ़ाई   समूह व जोगणी माता मशरूम ग्रुप ।  इसके अतिरिक्त   5 लाख  रूपये की  लागत  से   कम्यूनिटी हॉल बनाया गया है। निर्माण कार्य में   10

प्रतिशत भागीदारी गांव वासियों की रही ।ठाकुर ने कहाकि इस लाभकारी योजना  से लाभान्वित  हुए  गांववासी    जायका,वन विभाग  तथा  प्रदेश सरकार  के  आभारी हैं।

 नैणा माता स्वयं सहायता समूह कठोगण की  प्रधान रीता कुमारी व सदस्य चम्पा देवी    ने बताया कि   दिसम्बर 2020 से  सिलाई -कढ़ाई व बुनाई  का काम शुरू किया  जिसके लिए 2 माह का   प्रशिक्षण  मिला तथा  जायका  द्वारा आसान दरों पर  एक लाख रुपये का लोन भी दिया

गया ।ग्रुप में आठ महिलाएँ है जो आपस में लोन की सहायता से लेन देन कर रहे हैं।       स्वेटर ,कपड़े सिलने, फ्रॉक इत्यादि  की सिलाई कढ़ाई कर अपने पैरों पर खड़ा  होने  का अहसास  हुआ वहीं   घर का खर्चा  उठा पाने में सक्ष्म हो पाई । 

जोगणी माता मशरूम  ग्रुप   कठोगण के प्रधान  बालम राम ठाकुर व सदस्य रोशन लाल   ने बताया कि    समूह के 15  सदस्य  हैं जो दिसंबर 2020 से कार्य  कर रहे है । 

ढींगरी व बटन मशरूम   उत्पादन का   दो दिन का प्रशिक्षण  सुंदरनगर फिर केवीएस  डाकटरों द्वारा 15 दिन का डेमो मिला  व उसके बाद   6 दिन का   चम्बाघाट, सोलन में भी प्रशिक्षण  प्राप्त किया फिर  समय-समय पर कृषिविदों का मार्ग दर्शन  मिलता  रहता है  ।

बताया कि यह एक ऐसी खेती है जो सुबह -शाम की जा सकती है तथा इसे  जानवर    भी क्षति  नहीं  पहंचाते व  साथ में  दूसरे  काम भी किए जा सकते हैं   । उन्होंने बताया कि  मशरूम के बेड  सुंदरनगर या पालमपुर से लाने पड़ते है। जहाँ  ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है।

मशरूम  उत्पादन पर लगाई राशि का दोगना शुद्ध लाभ मिल रहा है। हमें एक बैग का 50 रूपये   खर्चा आता है जिससे 3 किलो तक मशरूम  निकल जाते  है जोकि इसमें 300-400  रूपये तक बाजार में  बिक जाते  हैं ।

बटन मशरूम के लिए पालमपुर से कम्पोस्ट लाकर यहाँ   उगाते  हैं ।उन्होंने बताया कि इस  अत्यन्त लाभकारी कार्य करने से उनकी आर्थिकी सुदृढ़  हुई है।

 रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, सरकाघाट रजनी  राणा  ने बताया कि  कठोगण में  वीएफडीएस में    दो स्वयं सहायता समूह हैं। एक   मशरूम की खेती व दूसरा    कटिंग व टेलरिंग का काम करता है। इनके  सदस्यों को  प्रशिक्षण दिया गया है। सिलाई कढ़ाई  हेतु  अनुदान पर आवश्यक

मशीनें भी विभाग की तरफ से मुहैया करवाई जा रही हैं जिसके लिए 75 प्रतिशत खर्च विभाग और प्रोजेक्ट  जबकि 25 प्रतिशत लाभार्थी को वहन करना होगा।  प्रोजैक्ट के तहत ही पाईन नीडल की  ब्रिकेट्स बनाने का भी प्रशिक्षण तथा डैमोन्सन्ट्रेशन दिया गया ।   

नए साल से सस्ती दरों पर गुणात्मक बागवानी उपकरण उपलब्ध करवाएगी प्रदेश सरकारः मुख्यमंत्री

डिपार्टमेंटल  तथा पीएफएम मोड में प्लाँटेशन का कार्य भी करवाया जा रहा है। साथ साथ  ग्राफटेड प्लांट्स में   आमला, हरड, भेड़ा, जामून आदि औषधिया पौधे लगाए गए हैं। सामुदायिक विकास  में   सामुदायिक हाल  बनाया गया है ।रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए गए हैं।

 लोग अपने साथ वाली जगह पर पानी पहुँचा सकते हैं और सिंचाई या अन्य कार्यो में इसका उपयोग कर सकते हैं।इसके अलावा पानी की कुल्हें , पानी के टैंक  बनाए गए हैं। 

बावड़ियों का जीर्णोद्वार का कार्य भी जायका प्रोजेक्ट के द्वारा किया जाता है।   दूसरी वीएफडीएस भी  हैं उनमें डेयरी उत्पादों का कार्य किया जा रहा है।

हिमाचल की ताज़ा खबरों के लिए लॉगिन करें www.himachaldiary.com

bharat mata ad
himachaldiary himachaldiarynews mandi news
Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Email
Previous Articleसिरमौर जिला में शास्त्री शिक्षक के पद भरे जाएंगे, 8 से 11 जनवरी तक होगी काउंसलिंग
Next Article सिरमौर में जल्द पूरी होगी आभा व एन.सी.डी. की स्क्रीनिंग-डॉ. अजय पाठक

Related Posts

HP Police Bharti : ग्राउंड टेस्ट के लिए जिला चंबा और ऊना का शेड्यूल भी जारी, विस्तार से जानें |

January 28, 2025

मौसम अपडेट हिमाचल: रोहतांग और किन्नौर की चोटियों पर फिर हल्का हिमपात, बारिश और बर्फबारी का जारी हुआ येलो अलर्ट |

January 19, 2025

हिमाचल न्यूज़: विक्रमादित्य सिंह बोले- जयराम ने अपने कार्यकाल में ठेकेदारों का पूरा भुगतान क्यों नहीं किया |

January 19, 2025
Latest News

HP Police Bharti : ग्राउंड टेस्ट के लिए जिला चंबा और ऊना का शेड्यूल भी जारी, विस्तार से जानें |

January 28, 2025

मौसम अपडेट हिमाचल: रोहतांग और किन्नौर की चोटियों पर फिर हल्का हिमपात, बारिश और बर्फबारी का जारी हुआ येलो अलर्ट |

January 19, 2025

हिमाचल न्यूज़: विक्रमादित्य सिंह बोले- जयराम ने अपने कार्यकाल में ठेकेदारों का पूरा भुगतान क्यों नहीं किया |

January 19, 2025

मौसम अपडेट हिमाचल: हिमाचल के कई भागों में आज से सात दिनों तक बारिश-बर्फबारी के आसार, तापमान में गिरावट |

January 18, 2025
Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
© 2025 Himachal Diary.

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.